ख्याल जज्बात और कलम
Tuesday, 18 February 2020
वो जो बात बे बात पे दिखाता रहता है अपनी तुनक मिजाजी
सुना है वही आज कल सुलझा रहा है मसले बनके के काजी
Monday, 17 February 2020
किसी का हो जाना कब एक सजा है ,कुछ लम्हे तो है साथ अपने, जो गुजरे इश्क़ मैं याद करके उन्हें कभी रोना कभी कभी हँसना, उसका भी अपना एक अलग मजा है।
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