Saturday, 9 May 2020

माँ हर वक़्त हर लम्हा हर घडी, मेरे लिए ही दुआ माँगा करती है।
माँ की हर ख़ुशी में शामिल मैं, गम अपने मुझ से छुपाया करती है।
चेहरे पे शिकन देखके वो मेरे, चल रहे हालातो का अंदाजा  करती है।
निकल आता हूँ  मुश्किल से, जब माँ प्यार से मेरे, सर पे हाथ रखती है। 

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