Saturday, 15 May 2021

 वो कह देना जा अब न होगी बात तेरी मेरी फिर कभी 

और हर गुनगुनाती घंटी पे सोचना तेरा फ़ोन आया है 

भूल कर भी भूले से न मिलेंगे अब सब ख़तम दरमियाँ 

और फिर हर आहट पे सोचना के चौखट पे तुम आये 

 रखोगे फूलो की ख्वाइश और कांटो से डरोगे 

ए मेरे दोस्त ऐसे कैसे तुम दुनिया से लड़ोगे। .