Saturday, 28 September 2019

प्यार है बेइंतहा और कुछ लड़ाई भी है
इक जिस्म दो जान है, मगर एक खाई भी है
रहना गवारा नहीं बीना उसके मुझको देखो
मगर तन्हा वहां परेशान वो भी है
आरजू है मिल जाये शक्कर और पानी की तरह
मगर का करे ज़िन्दगी लेती  इम्तिहान भी है 

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