इंतज़ार किस्मत मैं और दिल की बात अधूरी सी
सुना के तुम आओगे
कदमो से मिलो नाप दिए वो महफ़िल ज़रूरी थी
मिलके बताना था इंतज़ार और दिल की बात तुम्हे
शायद तब तुम जानो
तुम्हारी आवाज़ और लफ्ज क्यों मेरी मजबूरी थी।
No comments:
Post a Comment