Thursday, 23 January 2025

 कब तक रहूँ  खड़ा दृढ़ हर वक़्त, इस मदमाते, आते बार बार तूफ़ान में ,

अंदर से रोता दिल पर ऊपर से हँसना, खड़ा हूँ दृढ मगर हूँ परेशान मैं.

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