मलाई भरी चाय में से मक्खियों की तरह निकालो जाओगे
साहेब ने कहा दो और दो पांच और गर तुम चार बताओगे
बेसक उसे खड़ा करने में, तुम्ही सबके कंधो का सहारा है
मगर साहेब को अपने खिलाफ सच सुनना कहाँ गवारा है
जैसे चमकाने मे लगे है ऊपर ऊपर से सब कुछ नया नया
गर बताओगे साहेब आप भी ऊपर से कुछ अंदर कुछ और
मलाई भरी चाय में से मक्खियों की तरह निकालो जाओगे
साहेब ने कहा दो और दो पांच और गर तुम चार बताओगे
बेसक उसे खड़ा करने में, तुम्ही सबके कंधो का सहारा है
मगर साहेब को अपने खिलाफ सच सुनना कहाँ गवारा है
जैसे चमकाने मे लगे है ऊपर ऊपर से सब कुछ नया नया
गर बताओगे साहेब आप भी ऊपर से कुछ अंदर कुछ और
मलाई भरी चाय में से मक्खियों की तरह निकालो जाओगे
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