Tuesday, 14 October 2025

 हर रविवार बदल जाता हूँ मैं,

सोमवार आए तो फिर वही बन जाता हूँ मैं।

रविवार और सोमवार में है अंतर बहुत,

मगर मिलते हो तुम जिससे रोज़ाना, हूँ वही मैं।

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