हर रविवार बदल जाता हूँ मैं,
सोमवार आए तो फिर वही बन जाता हूँ मैं।
रविवार और सोमवार में है अंतर बहुत,
मगर मिलते हो तुम जिससे रोज़ाना, हूँ वही मैं।
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