Sunday, 19 April 2020

उजाला थोड़ा कर दो , मेरे लिए
जज्बातों का अंधेरा काफी है
तुम छोड़ गए थे अधूरा जो
उसको सुनना अभी बाकि है।
तुमने कहा था छु गई बातें मेरी
और मदहोश से  तुम हो गए थे 
बहुत सुनाये थे  किस्से तुमने
मगर जो सुनना था मुझ को
 वो बात अभी बाकि है

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