Friday, 5 April 2019

मुझे छाँव देकर जो खड़े रहे बिना शिकायत धूप में ऐसा शख्स सिर्फ मिल सकता है पिता के रूप में जो मांगे वो मिल जाये, बचपन हो या हो जवानी इतना तो तू भी सीख ले पिता से , ए ज़िंदगानी।

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