तुम हो मेरी अब इज़्ज़त , अब रखना तुम लाज हमारी
सहूँगा हर कष्ट तुम्हारा हसके,चाहे हो कितना ही भारी
ज़माना है ख़राब , देख लेना कभी कभी नज़र से हमारी
जो करना सोचकर करना , तुम ना करना कभी जल्दबाजी
सारे सुख मेरे तुम्हारे,पर साथ लेके चलना तुम वफ़ा हमारी
जब बुलाये प्यार मेरा, तब तब तुम रखना चलने की तैयारी
मुझको चाहने के लिए, हर सांस मेरी रहेगी ऋणी सदा तुम्हारी
तुम न जाना दूर हमसे , तुम हो मुझ को अपने प्राणो से प्यारी
त्याग मोहब्बत है, मगर रहेगी सदा एक ही जान हमारी तुम्हारी
परिपक्प है हम तुम,समझेंगे ज़िंदगी को की कभी न टूटे अपनी यारी।
सहूँगा हर कष्ट तुम्हारा हसके,चाहे हो कितना ही भारी
ज़माना है ख़राब , देख लेना कभी कभी नज़र से हमारी
जो करना सोचकर करना , तुम ना करना कभी जल्दबाजी
सारे सुख मेरे तुम्हारे,पर साथ लेके चलना तुम वफ़ा हमारी
जब बुलाये प्यार मेरा, तब तब तुम रखना चलने की तैयारी
मुझको चाहने के लिए, हर सांस मेरी रहेगी ऋणी सदा तुम्हारी
तुम न जाना दूर हमसे , तुम हो मुझ को अपने प्राणो से प्यारी
त्याग मोहब्बत है, मगर रहेगी सदा एक ही जान हमारी तुम्हारी
परिपक्प है हम तुम,समझेंगे ज़िंदगी को की कभी न टूटे अपनी यारी।
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