ख्याल जज्बात और कलम
Friday, 5 April 2019
राजनीती है ही कुछ ऐसी, कुछ की संवेदनाये मर जाती है। सुना था बचपन में, राजनीती में, माँ बेटे की बलि चढ़ाती है। राहुल बोले, मम्मी बोली कमरे में आके, बेटा सत्ता जहर है , फिर भी न जाने क्यों , बेटे को वो जहर पिलाना चाहती है।
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